*ब्राह्मण साम्राज्य की टीम ने 2 महीने में जबरदस्त मेहनत की और मेहनत कर भारत के समस्त राज्यों से ब्राह्मण जनसँख्या जानने की कोशिश की है,जिसके अनुसार सूची तैयार हुई है॥ उम्मीद है कि ब्राह्मण अपनी शक्ति पहचाने और एकजुट होकर कार्य करे...!!!* *(1) जम्मू कश्मीर : 2 लाख + 4 लाख विस्थापित* *(2) पंजाब : 9 लाख ब्राह्मण* *(3) हरयाणा : 14 लाख ब्राह्मण* *(4) राजस्थान : 78 लाख ब्राह्मण* *(5) गुजरात : 60 लाख ब्राह्मण* *(6) महाराष्ट्र : 45 लाख ब्राह्मण* *(7) गोवा : 5 लाख ब्राह्मण* *(8) कर्णाटक : 45 लाख ब्राह्मण* *(9) केरल : 12 लाख ब्राह्मण* *(10) तमिलनाडु : 36 लाख ब्राह्मण* *(11) आँध्रप्रदेश : 24 लाख ब्राह्मण* *(12) छत्तीसगढ़ : 24 लाख ब्राह्मण* *(13) उड़ीसा : 37 लाख ब्राह्मण* *(14) झारखण्ड : 12 लाख ब्राह्मण* *(15) बिहार : 90 लाख ब्राह्मण* *(16) पश्चिम बंगाल : 18 लाख ब्राह्मण* *(17) मध्य प्रदेश : 42 लाख ब्राह्मण* *(18) उत्तर प्रदेश : 2 करोड़ ब्राह्मण* *(19) उत्तराखंड : 20 लाख ब्राह्मण* *(20) हिमाचल : 45 लाख ब्राह्मण* *(21) सिक्किम : 1 लाख ब्राह्मण* *(22) आसाम : 10 लाख ब्राह्मण* *(23) मिजोरम : 1.5...
एक तमिल पुजारी थे-पंडित गोकरण नाथ । लोग उन्हें अत्यंत श्रद्घा एवं भक्ति भाव से देखते थे। वहां मंदिर को कोइल कहा जाता है। पुजारी प्रतिदिन सुबह कोइल जाते और दिनभर मंदिर में रहते। सुबह से ही लोग उनके पास प्रार्थना के लिए आने लगते। जब कुछ लोग इकट्ठे हो जाते, तब मंदिर में सामूहिक प्रार्थना होती। जब प्रार्थना संपन्न हो जाती, तब पुजारी लोगों को अपना उपदेश देते। उसी नगर में एक गाड़ीवान था। वह सुबह से शाम तक अपने काम में लगा रहता। इसी से उसकी रोजी-रोटी चलती। यह सोचकर उसके मन में बहुत दुख होता कि मैं हमेशा अपना पेट पालने के लिए काम-धंधे में लगा रहता हूं, जबकि लोग मंदिर में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। मुझ जैसा पापी शायद ही कोई इस संसार में हो। यह सोचकर उसका मन आत्मग्लानि से भर जाता था। सोचते-सोचते कभी तो उसका मन और शरीर इतना शिथिल हो जाता कि वह अपना काम भी ठीक से नहीं कर पाता। इससे उसको दूसरों की झिड़कियां सुननी पड़तीं। जब इस बात का बोझ उसके मन में बहुत अधिक बढ़ गया, तब उसने एक दिन पुजारी के पास जाकर अपने मन की बात कहने का निश्चय किया। अतः वह गोकरण जी के पास पहुंचा...
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